indian air force day 2023

वायुसेना दिवस, भारतीय वायुसेना के गौरवशाली इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह दिन भारतीय वायुसेना के साहसी और पराक्रम को मनाने का अवसर है, जो देश की सुरक्षा में अपना अद्वितीय योगदान देती है।

 

प्रयागराज संगम :  8 अक्टूबर 2023

भारतीय वायुसेना इस बार वायुसेना दिवस प्रयागराज संगम में जोरो सोरो से मनाया जा रहा है प्रयाग वासिवो के लिए ये बड़े ही सौभाग्य की बात है 91वां वायुसेना दिवस प्रयागराज में आयोजित किया गया है 8 अक्टूबर 2023 दोपहर  2:30 बजे से शुरु किया गया लगभग 5 बजे तक भारतीय वायुसेना के अगल -अलग विमानों का प्रदर्शन  दिखाया गया जिसे देखने संगम तट ,अरैल घाट पर लाखो लोगो की भीड़ जुटी  विमानों का प्रदर्शन देखकर लोगो की ख़ुशी का ठिकाना वही दूसरी ओर प्रयागराज शहर में रहने वाले लोगो को अपने घर के छतो से विमानों के प्रदर्शन का नजारा दिखा व प्रयागराज से लगभग 10 किलोमीटर  के गाँवो में भी नज़ारे देखने को मिले गाँव में भी ख़ुशी का माहोल बना रहा वायुसेना दिवस भारतीय वायुसेना के महत्वपूर्ण योगदान को मान्यता और मनाने का अवसर है। इस दिन को प्रत्येक वर्ष 8 अक्टूबर को मनाया जाता है, और यह एक राष्ट्रीय त्योहार होता है। वायुसेना दिवस के मौके पर, भारतीय वायुसेना के सदस्यों का बहुत बड़ा योगदान भी मान्यता दिलाया जाता है। इस दिन को समर्पित करके, हम उनके साहसी कार्यों का समर्थन करते हैं और उनके योगदान को सराहते हैं।

 

कब हुई थी स्थापना:

भारत और पाकिस्तान के विभाजन से पहले भारतीय वायुसेना की स्थापना हो चुकी थी। 8 अक्टूबर, 1932 को औपनिवेशिक शासन के अधीन अविभाजित भारत में वायुसेना की स्थापना की गई। भारत की वायुसेना द्वितीय विश्व युद्ध में शामिल हुई, जिसके लिए किंग जार्ज VI ने सेना को ‘रायल’ प्रीफिक्स से नवाजा था। देश आजाद होने से पहले वायुसेना को रॉयल इंडियन एयर फोर्स (आरआईएएफ) कहा जाता था। आजादी के बाद वायुसेना के नाम में से “रॉयल” शब्द को हटाकर “इंडियन एयरफोर्स” कर दिया गया।

भारत के टॉप फाइटर जेट

राफेल

स्पीड :1912 किलोमीटर प्रति घंटा ,अधिकतम टेक ऑफ़ वेट:24500 किलोग्राम ,एक बार उड़ान भरने पर 3700 किलोमीटर की रेडियस में हमला कर  सकता है |

MiG-29

स्पीड :2446 किलोमीटर प्रति घंटा ,अधिकतम टेक ऑफ़ वेट:18000 किलोग्राम एक बार उड़ान भरने पर 2100 किलोमीटर की रेडियस में हमला कर  सकता है |

 

 

MiG -21

स्पीड :2229 किलोमीटर प्रति घंटा ,अधिकतम टेक ऑफ़ वेट:10100 किलोग्राम एक बार उड़ान भरने पर 1470 किलोमीटर की रेडियस में हमला कर  सकता है |

 

सुखोई SU 35

स्पीड :2390 किलोमीटर प्रति घंटा ,अधिकतम टेक ऑफ़ वेट:34500किलोग्राम एक बार उड़ान भरने पर 3540 किलोमीटर की रेडियस में हमला कर  सकता है |

तेजस

स्पीड :2222 किलोमीटर प्रति घंटा ,अधिकतम टेक ऑफ़ वेट:13000किलोग्राम एक बार उड़ान भरने पर 3000 किलोमीटर की रेडियस में हमला कर  सकता है |

 

वायुसेना का गौरवशाली इतिहास:

भारतीय वायुसेना का गौरवशाली इतिहास है, जो 8 अक्टूबर 1932 को स्थापित हुई थी। इसका उद्देश्य भारतीय वायुशक्ति को मजबूत बनाना और देश की सुरक्षा को सुनिश्चित करना  वायुसेना का गठन ब्रिटिश शासन के दौरान हुआ था, लेकिन आज यह एक स्वतंत्र और प्रबल वायुसेना है जिसका योगदान भारतीय सुरक्षा और रक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण है। भारतीय वायुसेना का मुख्य कार्य देश की आकाशीय सुरक्षा और रक्षा का संचालन करना है। वायुसेना ने अपनी सामरिक ताकत को मजबूत बनाया है और विभिन्न प्रकार के वायुयानों, हेलीकॉप्टर्स, और मिसाइल प्रणालियों का उपयोग करके देश की सुरक्षा को सुनिश्चित किया है।

वायुसेना के महत्वपूर्ण कार्य क्षेत्रों में शामिल हैं:

  1. आकाशीय युद्ध: वायुसेना आकाशीय युद्ध के लिए तैयार रहती है और आकाशीय शक्ति के साथ सामरिक युद्ध का संचालन करती है। इसमें वायुयानों, मिसाइलों, और ड्रोन्स का उपयोग शामिल होता है।
  2. आकाशीय पर्यावरण सुरक्षा: वायुसेना आकाशीय पर्यावरण की सुरक्षा के लिए भी जिम्मेदार है, जिसमें आकाश में उड़ रहे यातायात को प्रबंधन, निगरानी, और नियंत्रण करना शामिल है।
  3. हाथी-घोड़ा कार्य: वायुसेना अपनी हाथी-घोड़ा कार्य के तहत विभिन्न सामरिक प्रयोगशालाओं का संचालन करती है, जैसे कि वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी अनुसंधान, युद्ध खेल, और प्रशिक्षण कार्यक्रम।
  4. नागरिक यात्रा: वायुसेना नागरिक यात्रा को भी सुरक्षित रखने के लिए जिम्मेदार है और विमानों के साथ यात्रीगण की सुरक्षा सुनिश्चित करती है।

वायुसेना दिवस एक ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण अवसर है जिसके माध्यम से हम भारतीय वायुसेना के साहसी कार्यों को समर्थन देते हैं और उनके योगदान को सराहते हैं। इस दिन को मनाकर हम अपने वीर सैनिकों के प्रति आभार और सम्मान व्यक्त करते हैं और उनके साथ होते हैं। भारतीय वायुसेना के इतिहास और कार्यों का ज्ञान हमें यह दिखाता है कि हमारी वायुसेना हमारी सुरक्षा के लिए कितनी महत्वपूर्ण है और हमें उनके साथ समर्थन और सहयोग करना चाहिए।

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